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झोगू और गोलू

झोगू और गोलू

झोगू और गोलू दो भाई, एक कमीज है दूजा टाई।
लगा के सोफा, टेबल, कुर्सी, दोनों ने एक दुनिया बसाई।

पेड़ लगाकर मन बहलाते, करते रहते साफ सफाई।
उल्टा-पुल्टा योगा करते, रोज नया कुछ करते ट्राई।

कभी प्यार से हंसते-गाते, चिपक के बांटे एक रजाई।
नदी किनारे सैर को जाते, खायें- पियें पकवान मिठाई।

कभी छेड़ते दंगल तगड़ा, प्यार-मोहब्बत टाटा- बाई।
दिन-भर करें लड़ाई झगड़ा, एक दूजे की शामत आई।

झोगू के सिम्पल जीवन में, गोलू मिर्च-मसाला लाई।
सीधा - सरल है रिश्ता इनका, साथ रहेंगें दोनो भाई।